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कवि ने अपने आने को 'उल्लास' और जाने को 'आंसू बनकर बह जाना' क्यों कहा है?
भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?