गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए—
"भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता रही है— 'अनेकता में एकता।' यद्यपि ऊपरी तौर पर भारत के विभिन्न प्रदेशों में पर्याप्त भिन्नता दिखाई देती है, तथापि अपने आचार-विचारों की एकता के कारण यहाँ सदा सामाजिक संस्कृति का एक ही रूप देखने को मिलता है। यही कारण है कि इन विभिन्नताओं के होते हुए भी भारत सदियों से एक भौगोलिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक इकाई के रूप में विश्व में अपना स्थान बनाए हुए हैं। इसलिए भारत में अनेकता में एकता के सदा ही दर्शन हुए हैं। भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता और भौतिकता दोनों का मिश्रण रहा है।'
क. भारतीय संस्कृति की क्या विशेषताएँ रही है?
ख. भारतीय संस्कृति में किस-किस का सम्मिश्रण रहा है?
ग. गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए—
'पर इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,
रखो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खाएँगे,
परिजन पर असि न उठाएँगे।
दुर्योधन वह भी दे न सका,
आशीष समाज की ले न सका।
उलटे हरि को बाँधने चला,
जो था असाध्य साधने चला।
जब नाश मनुष्य पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।'
क. दुर्योधन क्या नहीं दे सका?
ख. कौन किसको बाँधने चला था?
ग. विवेक कब मर जाता है?
नीचे लिखे वाक्य को सरल, संयुक्त और मिश्र में बदलिए—
वर्षा हुई। मैंने बीज बो दिए।
दिए गए शब्द समूहों के लिए एक शब्द लिखिए—
क. किए हुए उपकार को मानने वाला
ख. जिस पर विश्वास किया जा सके
दिए गए पाठ्यांश का भावार्थ लिखिए—
"क्या गणना है कितनी लंबी हम सबकी इतिहास-लड़ी?
हमें गर्व है कि बहुत ही, गहरी अपनी नींव पड़ीं!
हमने बहुत बार सिरजी हैं, कई क्रांतियाँ बड़ी-बड़ी,
इतिहासों ने किया सदा ही, अतिशय मान हमारा है।"