

दीपश्री कहानियों का संग्रह एक वेजोड़ संग्रह है । अपने आस-पास घुमंतु समाज, घुलते, उलझते रिश्तों की एक मार्मिक कथा है । टूटती जड़ें, संयुक्त परिवार के गिरते मूल्य, रिश्तों में बाजारवाद, अपनेपन में तैरते अहंकार की कतरने यानि एक मुक्म्मल बुनावट लिये आई 15 कहानियां एक सीख रखती है ।
15 कहानियों में कशिश, विजयश्री, हारा हुआ सत्य, दीप जलता रहा पठनीय कथायें हैं । लेखिका ने समाज के अन्दर की कथा को चित्र दे दिया है ।